हरियाणा: भारत के टीबी उन्मूलन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज हरियाणा के पंचकूला में राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव की मौजूदगी में एक सौ दिवसीय गहन टीबी उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव और अनुप्रिया पटेल भी इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए।
यह अभियान देशभर के 347 जिलों में लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य टीबी के छूटे हुए मामलों, विशेषकर उच्च जोखिम वाले समूहों में, का पता लगाना और उनका इलाज करना है, साथ ही टीबी से होने वाली मौतों को काफी हद तक कम करना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने टीबी को समाप्त करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि यह अभियान टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को नई गति देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि यह 100 दिनों का एक केंद्रित अभियान होगा, जिसका उद्देश्य 347 सबसे अधिक प्रभावित जिलों में टीबी रोगियों का शीघ्र पता लगाना और उनका उपचार करना है।
जगत प्रकाश नड्डा ने टीबी के खिलाफ देश के लंबे संघर्ष को रेखांकित करते हुए बताया कि 1962 से कई अभियान चलाए गए हैं, और 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक टीबी को समाप्त करने का विजन रखा। उन्होंने कहा कि टीबी के खिलाफ लड़ाई में समय रहते सही निदान और प्रभावी उपचार के माध्यम से सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने टीबी के इलाज को और सुलभ बनाने के लिए कई नई पहलें शुरू की हैं, जैसे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का नेटवर्क, जो टीबी के जल्द निदान में मदद कर रहा है। साथ ही, टीबी के लिए दवाओं की उपलब्धता और उपचार की सफलता दर को भी बढ़ाया गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 1.17 करोड़ से अधिक टीबी रोगियों को 3,338 करोड़ रुपये की निक्षय सहायता प्रदान की है और हाल ही में पोषण सहायता राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया है।
इस अभियान के दौरान, जगत प्रकाश नड्डा ने बीपीएएलएम के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का अनावरण किया और मोबाइल अल्ट्रापोर्टेबल, एआई-सक्षम एक्स-रे इकाइयों और आणविक परीक्षणों की तैनाती पर भी प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव आराधना पटनायक और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।